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आरोही का बर्थडे

सुबह की हल्की धूप खिड़की से छानकर अंदर आ रही थी। आरोही अपनी आंखे कशमते हुए उठी और दीवार पर टंगी गई गढ़ी की और नजर गई जहां अभी सुभा के 5 बजे थे उसने जल्दी से उठ कर फ्रेश हो कर एक व्हाइट कॉलर की कुर्ती सेट पहेनली और मंदिर जाने के लिए रेडी हो गई थी। उसने जल्दी से अपनी रूम लोक कर रही थी तभी घर की मालकिन ने आरोही को आवाज लगाते हुए बोली__आरोही बेटा तुम भी मंदिर जा रही हो चलो साथ ने चलते है। आरोही ने हां कहा और वो उसे मकान मालकिन के साथ मंदिर के लिए निकाल गई जो कुछ ही दूरी पर थी। मंदिर पोहंचने के बाद पंडित जी ने आरोही से बोला__ कैसी हो बेटा दो दिन तुम मंदिर आई नहीं हमें तो तुम्हारी चिंता होने लगी थी, आरोही बोली__ मैं ठीक हूं पंडित जी मुझे कुछ जरूरी काम से घर जाना पड़ा था इसी वजह से मैं नहीं आ पाई आप कैसे है, पंडित जी मुस्कुराते हुए बोले__ मैं तो बिल्कुल ठीक हूं बेटा सब देवी मां की कृपा है।

आरोही ने मुस्कुरा कर बोली__ पंडित जी आज मेरा जन्मदिन है आपको याद है ना,, पंडित जी मुस्कुराते हुए बोले__ अरे बेटा मैं तुम्हारा जन्मदिन कैसे भूल सकता हूं तुम तो मेरी बेटी जैसी हो ना तुम्हारा अलावा मेरा इस दुनिया में है है कोन,, पंडित जी आरोही को आरती करने को बोलते जिससे आरोही खुश हो जाती है और वो आरती करने लगती है संग में गीत भी गति है। लोग भी अब आ चुके थे मंदिर भी भीड़ थी सब आरोही की सुरीली आवाज में मगन थे। तभी वहां पर बूढ़ी महिला आई जिसे देख कर साफ़ पत चल रहा था कि वो अमीर घर से होगी उसके साइड में उसकी बहू थी जो हाथ जोड़े खड़ी थी दोनो सास बहू आरोही की आवाज में ऐसे मगन थे कि उन्हें पता भी नहीं चला कि कब आरती भी खत्म हो गई।

आरोही सबको आरती दे रही थी अब बरी आती उस बूढ़ी महिला और उसकी बहू की जो एक टक आरोही को ही देख रहे थे आरोही ने एक प्यारी सी स्माइल कर बोली__ दादिमा आरती ले लीजिए। तभी बूढ़ी महिला अपनी होश में आई और आरती लेते हुए बोली__ क्या अभी वो लड़की तुम ही थी जो आरती कर रही थी, आरोही ने हां में सर हिला कर जवाब दिया। तभी पंडित जी आए और बोले__ अरे कुसुमलता जी आप आज बहुत देरी कर दी मंदिर आने में हमें तो लगा था आप नहीं आएंगी। जो बूढ़ी महिला थी उनका नाम कुसुमलता राठौर था और उनकी बहू का नाम कविता राठौर था।कुसुमलता जी बोली__ कुछ नहीं पंडित जी बस थोड़ी सी तबीयत खराब हो गई थी। पंडित जी बोले__ कोई बात नहीं आप बस अपना ध्यान रखिए बाकी सब देवी मां संभाल लेंगी।

कविता जी आरोही के तरफ इशारा करते हुए बोली__ वैसे पंडित जी वो लड़की कोन है,, पंडित जी ने आरोही के तरफ देखा जो अभी मंदिर से निकलने वाली थी,, उन्होंने एक मुस्कान के साथ कुसुमलता और कविता जी से कहा__ कविता जी उसका नाम आरोही है आज उसका जन्मदिन है वो अभी अपनी पढ़ाई पूरी कर रही है यही पास में हि रहती है बहुत प्यारी बच्ची है सबकी मदद करती है बहुत ही नेक बच्ची है किसी के लिए भी बुरा नहीं सोचती। आरोही दिखने में गोरा रंग लहराते हुए लंबे बल आंखों में काजल को में छोटे छोटे झुमके व्हाइट कुर्ती में वो बहुत खुसुरत लग रही थी।कुसुमलता जी बोली__ और उसके परिवार वाले क्या वो भी साथ आए है,, पंडित जी दुखी मन से बोले__ नहीं वो यहां अकेली ही रहती है उसके मां के गुजर जाने के बाद उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली उसके बाद से उसकी ज़िन्दगी ही बदल गई वो कभी भी अपने परिवार वालों का जीकर नहीं करती और नहीं हम करते है।

कविता जी बोली__क्या आप उसके परिवार वालों को जानते है,, पंडित जी ना में सार हिला दिए और बोले__ मुझे ये पूछना तो नहीं चाहिए लेकिन फिर भी आपसे पूछना चाहता हूं आप आरोही बेटा के बारे में क्यों पूछ रही है क्या उसने कुछ ग़लत किया है अगर किया है तो मैं आपसे,, तभी कुसुमलता जी बीच में ही उनकी बात को काटते हुए बोली__ऐसा कोई बात नहीं है हमें आरोही पसंद आई इसलिए हम उसके बारे में पूछ रहे थे। थोड़ी बहुत बात कर कुसुमलता जी और कविता जी वहां से चले गए आरोही भी जा चुकी थी। वो मंदिर से लौट कर कॉलेज के लिए निकाल गई। कॉलेज पोहनचने के बाद वो किसी को ढूंढ रही थी तभी उसके आंखों में किसी ने हाथ रखते हुए कहा__छीन तपाक दम दम बताओ बताओ मैं कोन हूं,, तो आरोही उसके हाथ को हटाते हुए बोली__ पूजा तुम्हे लगता है तुम अगर ऐसे पीछे से आओगी तो मैं तुम्हे पहचान नहीं पाऊंगी,, आरोही की बेस्ट फ्रेंड पूजा जो दिखने में बहुत खूबसूरत लग रही थी जींस और टॉप में वो एक बेबी डॉल की तरह लग रही थी पूजा आरोही के साथ हमेशा रहती है और उसके साथ हर सिट्यूएशन में खड़ी रहती है।

तो उसकी दोस्त पूजा जो उसके पीछे खड़ी थी उसने मुंह बनाते हुए बोली__ क्या आरू तुझे पता कैसे चल जाता है कि मैं ही हूं,,  आरोही उसे सामने लाते हुए बोली__ तू शायद ये भूल जाती है कि मैं तुम्हे अच्छे से जानती हूं कि ये हरकत सिर्फ तू ही कर सकती है और मुझे तेरे छूने से ही पता चल जाता है कि ये तू ही है,, पूजा बोली__हां वो तो है ,, फिर आरोही को गले लगाते हुए बोली__ हैप्पी बर्थडे my little angel मैं हमेशा देवी मां से यही प्रार्थना करूंगी की तुझे सारे जहान का खुशी मिले और लाइफ में बहुत तरकी करे आई लव यू सो मच बेबस,, आरोही की आंखों में आसूं आ गए और वो पूजा से बोली__ थैंक यू सो मच बेबस पता नहीं अगर तू नहीं होती तो मैं क्या करती तू ही है जो मुझे समझ सकती है,, पूजा आरोही की आसूं पोंचते हुए बोली__ ओहो तू भी ना थोड़ी सी बातों में रो देती है अब रोना बंद कर।

आरोही बोली__वैसे अंश कहां है,, पूजा बोली__शायद वो क्लास में होगा चल क्लास चलते है टाइम भी हो गया है लेट हो गए तो प्रोफेसर फिर से हमें साफ़ सफाई का काम दे देंगे।आरोही बोली__ पर लेट तो तुम्हारी वजह से होते है ना,,पूजा उसे घूरते हुए बोली__ हां तो मैं क्या करूं जब मेरी स्कूटी हि मुझे हर बार धोका दे देती है। दोनो बात करते हुए क्लास में एंटर होते है तो कुछ स्टूडेंट आरोही को विष करते है तो कुछ स्टूडेंट्स उसे अटीट्यूड दिखाते है और उसके बारे में बातें करने लगते है लेकिन आरोही उन लोगों को इग्नोर कर पूजा के साथ एक डेस्क पर जाती है जहां एक लड़का मोबाइल में गाने खेलने में बिज़ी था। उसने ध्यान हि नहीं दिया कि कब पूजा और आरोही उसके पास आ के खड़े हुए है आरोही जो इस वक्त गुस्से से उस लड़के को देख रही थी।

थोड़ी देर बाद वो लड़का खुश होते हुए अपने बगल में बैठे एक लड़के से बोला__ याहू आज तो मैं बेट जीत गया अब बता मैं तुमसे ऐसा क्या करवाऊं को मुझे मज़ा ही आ जाए। तभी अचानक उसकी नजर पूजा और आरोही पर जाती है को उसे है देख रहे थे आरोही उसे बोली__ अंश आज तुम फिर से मेरा बर्थडे भूल गए ना तुम्हे तो मैं छोड़ूंगी नहीं तुम तो गए मेरे हाथ से। वहीं अंश जो पूजा और आरोही का दोस्त था उसने खुद से बड़बड़ाते हुए बोला__ओह सेट इसे देख कर तो लग रहा है आज ये मेरा पोस्टमॉर्टम कर के ही मानेगी।

अंश आरोही का गल पकड़ते हुए बोला__ हैप्पी बर्थडे बंदरिया,, आरोही ये सुन उसे कुछ बोलने वाली थी कि तभी अंश उसके सामने एक बड़ा चॉकलेट का बॉक्स रख देता है जिसे देख आरोही की आंखें चमकने लगती है और वो अंश के ऊपर गुस्सा करना छोड़ कर उसे साइड हुग कर के थैंक यू बोल चॉकलेट बॉक्स ले कर बोलती है__ तुम्हे याद था मेरा बर्थडे मुझे लगा तुम भूल गए होगे,, अंश बोला__ तुम भी ना कैसी बातें करती हो मुझे याद नहीं रहेगा तो किसे याद रहेगा मुझे थोड़ी ना तुम्हारे हाथों से मर खाना है।

ये बोल वो दांत दिखा देता है जिसे देख आरोही उसे घुर कर देखती है थे देख अंश तहके लगा कर हंस पड़ता है आरोही कुछ कहती तभी क्लास में प्रोफेसर आ जाते है और उनकी क्लास स्टार्ट हो जाती है। अंश दिखने में हैंडसम है उसकी पर्सनैलिटी ऐसी है कि वो अच्छे अच्छों को धूल चाता देता है वो भले ही किसी को नहीं दिखता है पर वो पूजा और आरोही के लिए बहुत प्रोटेक्टिव है।

अंश पूजा आरोही ये तीन जिगरी दोस्त है अपने सुना तो होगा ना तीन तिगड़ा काम बिगड़ा ये इनपर बहुत सूट करता है इनकी करतूतें तो आपको आगे चल कर पता चलेगी

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